Ram Rahim Case: बाबा गुरमीत राम रहीम, डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, एक खून प्रकरण से निर्दोष साबित किया गया है। उनके माजी व्यवस्थापक रंजीत हत्याकांड मामले में उन्हें दिलासा मिला है। उच्च न्यायालय ने सीबीआई न्यायालय का निर्णय रद्द किया है और गुरमीत राम रहीम समेत ५ दोषियों को निर्दोष ठहराया है।
सीबीआई कोर्ट ने 2019 में राम रहीम और अन्यों को बलात्कार और दो खुनों में दोषी ठहराया था। फिर, 18 अक्टूबर 2021 को न्यायालय ने राम रहीम और अन्यों को रंजित सिंह हत्या मामले में जुम्मे की सजा सुनाई। अवतार सिंग, कृष्णलाल, जसबीर सिंग, और सबदिल सिंग इस मामले के सहआरोपी हैं।
2002 में, डेरा प्रबंधन समिति के सदस्य रंजित सिंह की हत्या का मामला सामने आया था। रंजित सिंह ने साध्वी के लैंगिक शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस की तहक़ीकात में असमाधानी होने पर रंजित सिंह के बच्चों ने 2003 में उच्च न्यायालय में सीबीआई जांच की मांग की थी। उसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और 2021 में राम रहीम समेत पांच आरोपियों को दोषी ठहराया गया। यह प्रकरण न्यायालय ने 2007 में आरोपियों पर आरोप ठोंके थे।
डेरा प्रमुख राम रहीम ने अपने दो शिष्यों के साथ बलात्कार किए होने के मामले में 20 वर्ष की सजा भोगी है। वह 2019 में 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या मामले में दोषी ठहराया गया था। इसके अलावा, 2021 में डेरा के प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या मामले में राम रहीम के साथ चार आरोपी दोषी ठहराए गए। पर अब पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने राम रहीम को इस हत्या मामले में निर्दोष माना।
राम रहीम, जिन्हें बाबा गुरमीत राम रहीम के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय आत्मा और धार्मिक नेता थे। वे देरा सच्चा सौदा के मुखिया थे। उन्हें विभिन्न धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है। उनके विचार और उनके समर्थनकर्ताओं का एक बड़ा समूह था। वे विविध चिकित्सा, शैक्षिक और कला कार्यक्रमों के माध्यम से समाज की सेवा करते थे। उन्हें कई विवादों में फंसने का मुकदमा भी था।